अध्याय II – शूद्रों की उत्पत्ति का ब्राह्मणिक सिद्धांत सारांश: अध्याय II वैदिक सामाजिक क्रम के निचले छोर पर पारंपरिक रूप से स्थित एक समूह, शूद्रों की जटिल उत्पत्तियों और सिद्धांतों का अन्वेषण करता है। यह ब्राह्मणिक औचित्य और पौराणिक कथाओं की जांच करता है जिन्होंने प्राचीन भारतीय जाति व्यवस्था के भीतर शूद्रों के अस्तित्व… Continue reading शूद्रों की उत्पत्ति का ब्राह्मणिक सिद्धांत
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शूद्रों की पहेली
अध्याय I – शूद्रों की पहेली डॉ. बी.आर. अंबेडकर द्वारा लिखित पुस्तक “शूद्र कौन थे?” पारंपरिक हिन्दू जाति प्रणाली में चौथे वर्ण या वर्ग के रूप में माने जाने वाले शूद्रों की ऐतिहासिक और सामाजिक उत्पत्ति में गहराई से उतरती है। यहाँ पर अध्याय I – “शूद्रों की पहेली” का संक्षिप्त सारांश, मुख्य बिंदु और… Continue reading शूद्रों की पहेली
प्रस्तावना – शूद्र कौन थे?
प्रस्तावना – शूद्र कौन थे? सारांश: “शूद्र कौन थे?” की प्रस्तावना में डॉ. बी.आर. अंबेडकर द्वारा भारतीय जाति व्यवस्था के भीतर शूद्रों की ऐतिहासिक और सामाजिक स्थिति की खोज के पीछे के उद्देश्य और प्रेरणा को स्पष्ट किया गया है। अंबेडकर शूद्रों की उत्पत्ति की जांच करना, यह पता लगाना कि वे वर्ण व्यवस्था के… Continue reading प्रस्तावना – शूद्र कौन थे?
शूद्र कौन थे?
Who Were The Shudras शूद्र कौन थे? महात्मा जोतिबा फुले (1827-1890) की स्मृति को समर्पित, आधुनिक भारत के महानतम शूद्र जिन्होंने हिन्दुओं के निम्न वर्गों को उच्च वर्गों की दासता के प्रति सचेत किया और जिन्होंने यह उपदेश दिया कि भारत के लिए सामाजिक लोकतंत्र विदेशी शासन से स्वतंत्रता से अधिक महत्वपूर्ण है। शूद्र कौन… Continue reading शूद्र कौन थे?