निराशा सारांश: यह पाठ अछूतों द्वारा अनुभव की गई गहरी और शाश्वत निराशा की चर्चा करता है, उनकी अनंत पीड़ा की तुलना यहूदियों द्वारा सामना किए गए अस्थायी विपत्तियों से करते हुए। इस निराशा को हिन्दू सामाजिक व्यवस्था द्वारा लगाए गए दमनकारी प्रतिबंधों के कारण माना गया है, जो उनकी संभावनाओं को बाधित करता है… Continue reading निराशा