“संघ बनाम स्वतंत्रता – I: परिचयात्मक” भारत में एक संघ की स्थापना की जटिलताओं और निहितार्थों पर चर्चा करता है, जो प्रांतों और रियासतों के बीच के अंतर, ब्रिटिश भारत को दी गई सीमित स्वायत्तता, और स्वतंत्रता और स्व-शासन पर अपेक्षित प्रभावों पर केंद्रित है। डॉ. अंबेडकर ने प्रस्तावित संघ की संरचना का महत्वपूर्ण विश्लेषण… Continue reading संघ बनाम स्वतंत्रता – I: परिचयात्मक
Tag: Federation versus Freedom
प्रस्तावना
प्रस्तावना सारांश “फेडरेशन बनाम स्वतंत्रता” की भूमिका में लेखक द्वारा पुस्तिका लिखने और प्रकाशित करने की प्रेरणा पर चर्चा की गई है। प्रारम्भ में, लेखक ने कार्य की उत्पत्ति का वर्णन किया, जो पूना में गोखले राजनीतिक और अर्थशास्त्र संस्थान में संबोधन के निमंत्रण से उत्पन्न हुई थी। चुनी गई विषय फेडरल योजना थी, और… Continue reading प्रस्तावना
संघ बनाम स्वतंत्रता
संघ बनाम स्वतंत्रता (काले स्मारक व्याख्यान) 29 जनवरी 1939 को गोखले राजनीति और अर्थशास्त्र संस्थान के वार्षिक समारोह में पुणे के गोखले हॉल में दिया गया भाषण “आप जितनी दूर गए हैं, वह आज आप जिस दिशा में जा रहे हैं, उससे कम महत्वपूर्ण है।” -तोल्स्तोय पहली बार प्रकाशित: 1939 पहले संस्करण से पुनः प्रिंट… Continue reading संघ बनाम स्वतंत्रता