अध्याय – 5 – क्या समानांतर मामले हैं? “द अनटचेबल्स: वे कौन थे और क्यों वे अछूत बन गए?” शीर्षक से अध्याय 5 “क्या समानांतर मामले हैं?” भारतीय संदर्भ से परे विभिन्न संस्कृतियों और सभ्यताओं में अछूतता के उद्भव और अस्तित्व पर चर्चा करता है। यह अन्वेषण ऐसे सामाजिक बहिष्कारों और उनके अंतर्निहित कारणों की… Continue reading क्या समानांतर मामले हैं?
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क्या अछूत टूटे हुए लोग हैं?
अध्याय – 4 – क्या अछूत टूटे हुए लोग हैं? “द अनटचेबल्स: वे कौन थे और क्यों वे अछूत बने?” शीर्षक वाली पुस्तक का चौथा अध्याय “क्या अछूत टूटे हुए लोग हैं?” भारतीय समाज में अछूतों की ऐतिहासिक और सामाजिक उत्पत्ति में गहराई से जाता है। यहाँ निवेदित प्रारूप के अनुसार एक विस्तृत विवरण दिया… Continue reading क्या अछूत टूटे हुए लोग हैं?
अछूत गाँव के बाहर क्यों रहते हैं?
भाग II: आदत की समस्या अध्याय – 3 – अछूत गाँव के बाहर क्यों रहते हैं? सारांश: यह अध्याय उन अछूतों की रहन-सहन की व्यवस्था पर चर्चा करता है, जो गाँव के बाहर स्थित हैं। यह स्थान यादृच्छिक नहीं है, बल्कि हिन्दू समाज में शुद्धता और अशुद्धता की अवधारणा में गहराई से जुड़ा हुआ है।… Continue reading अछूत गाँव के बाहर क्यों रहते हैं?
गैर-हिंदुओं में अछूतता
भाग I: एक तुलनात्मक सर्वेक्षण अध्याय – 1 – गैर-हिंदुओं में अछूतता “गैर-हिंदुओं में अछूतता” अध्याय अछूतता के मूल और स्वभाव की खोज में गहराई से जाता है, न केवल हिंदू धर्म के भीतर बल्कि अन्य धर्मों में भी। यह यह जांचने की महत्वपूर्ण पूछताछ शुरू करता है कि क्या अछूतता का अभ्यास केवल हिंदू… Continue reading गैर-हिंदुओं में अछूतता
प्रस्तावना
The Untouchables Who were they and why they became Untouchables प्रस्तावना “द अनटचेबल्स: वे कौन थे और क्यों वे अछूत बन गए?” की प्रस्तावना भारत में अछूतों के रूप में एक विशिष्ट सामाजिक समूह के उदय के पीछे के जटिल ऐतिहासिक और सामाजिक परिस्थितियों का एक अंतर्दृष्टिपूर्ण अवलोकन प्रदान करती है। यहाँ आवश्यकताओं के आधार… Continue reading प्रस्तावना
अछूत कौन थे और वे अछूत क्यों बने?
The Untouchables Who were they and why they became Untouchables अछूत कौन थे और वे अछूत क्यों बने? नंदनार, रविदास, चोखामेला की स्मृति को समर्पित तीन प्रसिद्ध संत जो अछूतों में जन्मे थे और जिन्होंने अपनी भक्ति और गुणों से सभी का सम्मान जीता। विषय-सूची प्रस्तावना भाग I: एक तुलनात्मक सर्वेक्षण अध्याय – 1 –… Continue reading अछूत कौन थे और वे अछूत क्यों बने?
परिशिष्ट
परिशिष्ट सारांश “द अनटचेबल्स एंड द पैक्स ब्रिटानिका” के परिशिष्ट खंड में विस्तृत जानकारी, डेटा और दस्तावेज़ों का एक पूरक संग्रहालय है, जो मैनुस्क्रिप्ट के विश्लेषणों और निष्कर्षों का समर्थन करता है। यह ऐतिहासिक और अनुभवात्मक आधार प्रदान करता है जिस पर मुख्य पाठ में प्रस्तुत तर्क बनाए गए हैं, पाठकों को चर्चित मुद्दों की… Continue reading परिशिष्ट
सारांश
सारांश “द अनटचेबल्स एंड द पैक्स ब्रिटानिका” का समापन खंड ऐतिहासिक अन्वेषण, सामाजिक और राजनीतिक विश्लेषण, और शैक्षिक नीतियों के परीक्षण और उनके वर्तमान प्रभावों से प्राप्त अंतर्दृष्टि का संश्लेषण करता है। यह भारत में ब्रिटिश उपनिवेशवाद की दीर्घकालिक विरासत पर प्रतिबिंबित करता है, विशेष रूप से इसका अछूतों पर प्रभाव, और वर्तमान सामाजिक असमानताओं… Continue reading सारांश
समकालीन निहितार्थ और विश्लेषण
समकालीन निहितार्थ और विश्लेषण सारांश “द अनटचेबल्स एंड द पैक्स ब्रिटानिका” के अनुभाग 6 में ब्रिटिश उपनिवेशी नीतियों और सामाजिक सुधारों के समकालीन निहितार्थों पर, विशेष रूप से अनटचेबल्स पर, जिन्हें अब दलित कहा जाता है, पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह भारत के सामाजिक ताने-बाने, कानूनी ढांचे और राजनीतिक परिदृश्य पर उपनिवेशी शासन… Continue reading समकालीन निहितार्थ और विश्लेषण
शैक्षिक नीतियाँ और सुधार
शैक्षिक नीतियाँ और सुधार सारांश “द अनटचेबल्स एंड द पैक्स ब्रिटानिका” के खंड 5 में भारत में ब्रिटिश शैक्षिक नीतियों और सुधारों की गहराई से जांच की गई है, विशेष रूप से उनके अनटचेबल्स पर प्रभाव पर केंद्रित है। इसमें उपनिवेशीय शिक्षा प्रणाली के विकास का अनुसरण किया गया है, शिक्षा तक पहुँच में अनटचेबल्स… Continue reading शैक्षिक नीतियाँ और सुधार