अध्याय – 4 स्पर्शयोग्य बनाम अस्पर्श्य यह अध्याय भारतीय समाज में जाति भेदभाव और अस्पर्श्यों के विभाजन की जटिलताओं की गहराई में जाने का एक विश्लेषण प्रस्तुत करता है। यहाँ इस अध्याय का संक्षिप्त प्रस्तुतीकरण है: सारांश: डॉ. आंबेडकर ने भारत में स्पर्श्यों और अस्पर्श्यों के बीच के स्पष्ट विभाजन को जन्म देने वाले स्थापित… Continue reading स्पर्शयोग्य बनाम अस्पर्श्य