अध्याय II – शूद्रों की उत्पत्ति का ब्राह्मणिक सिद्धांत सारांश: अध्याय II वैदिक सामाजिक क्रम के निचले छोर पर पारंपरिक रूप से स्थित एक समूह, शूद्रों की जटिल उत्पत्तियों और सिद्धांतों का अन्वेषण करता है। यह ब्राह्मणिक औचित्य और पौराणिक कथाओं की जांच करता है जिन्होंने प्राचीन भारतीय जाति व्यवस्था के भीतर शूद्रों के अस्तित्व… Continue reading शूद्रों की उत्पत्ति का ब्राह्मणिक सिद्धांत