अध्याय 8 – प्रांतीय वित्त का स्वरूप यह अध्याय ब्रिटिश भारत में केंद्रीय और प्रांतीय सरकारों के बीच वित्तीय गतिशीलता की अंतर्दृष्टिपूर्ण जांच प्रदान करता है। यहाँ सारांश, मुख्य बिंदु, और निष्कर्ष है: सारांश यह खंड प्रांतीय वित्त की जटिल प्रकृति की जांच करता है, केंद्रीय सरकार से इसकी स्वायत्तता और आत्मनिर्भरता के पूर्वकल्पित विचारों… Continue reading प्रांतीय वित्त का स्वरूप