अध्याय 1: “जाति के विनाश” का परिचय

अध्याय 1: “जाति के विनाश” का परिचय अवलोकन: इस अध्याय में डॉ. बी.आर. बाबासाहेब आंबेडकर भारतीय समाज में जाति प्रणाली की व्यापकता और गहराई को रेखांकित करते हैं। वह जाति को केवल श्रम का विभाजन नहीं बल्कि श्रमिकों का विभाजन बताते हैं। बाबासाहेब आंबेडकर के अनुसार, जाति प्रणाली की कठोरता और वंशानुगत व्यवसाय सामाजिक पदानुक्रम… Continue reading अध्याय 1: “जाति के विनाश” का परिचय