पहेली संख्या 17: चार आश्रम-उनके बारे में क्यों और कैसे सारांश: यह खंड हिन्दू समाज में आश्रम धर्म की अवधारणा में गहराई से उतरता है, जो व्यक्ति के जीवन को चार चरणों में विभाजित करती है: ब्रह्मचर्य (छात्र जीवन), गृहस्थ (गृहस्थ जीवन), वानप्रस्थ (संन्यासी चरण), और संन्यास (त्यागी जीवन)। वर्ण धर्म के विपरीत, जो समाज… Continue reading चार आश्रम-उनके बारे में क्यों और कैसे