अध्याय 2 – साम्राज्यवाद बनाम संघवाद यह अध्याय ब्रिटिश भारत में केंद्रीकृत साम्राज्यवादी वित्तीय प्रणाली को बनाए रखने और एक अधिक विकेंद्रीकृत संघीय संरचना की ओर संक्रमण करने की बहस का महत्वपूर्ण विश्लेषण प्रदान करता है। नीचे इस चर्चा का संरचित सारांश दिया गया है: सारांश यह खंड 1857 के विद्रोह के पश्चात की गहन… Continue reading साम्राज्यवाद बनाम संघवाद