अध्याय – 12 शूद्र और क्रांति का विरोध सारांश: यह अध्याय प्राचीन भारत के व्यापक सामाजिक और धार्मिक ढांचे के भीतर शूद्रों के जटिल और विवादास्पद इतिहास में गहराई से उतरता है। इसमें शूद्रों की विकसित होती स्थिति, उनके सामाजिक भूमिकाएं, अन्य वर्णों (जातियों) के साथ उनकी बातचीत, और ऐतिहासिक परिदृश्य को चिह्नित करने वाले… Continue reading शूद्र और क्रांति का विरोध