अध्याय 9 – प्रांतीय वित्त के क्षेत्र का विस्तार इस अध्याय में ब्रिटिश भारत में प्रांतीय सरकारों की वित्तीय स्वायत्तता और क्षमताओं का विस्तार करने के प्रयासों और उपायों का समीक्षात्मक आकलन किया गया है। नीचे सारांश, मुख्य बिंदु, और निष्कर्ष है: सारांश डॉ. अम्बेडकर प्रांतीय वित्त के दायरे को विस्तारित करने के लिए उद्देश्य… Continue reading प्रांतीय वित्त के क्षेत्र का विस्तार