अध्याय – 5 जाति का शाप इस अध्याय में हिन्दू समाज में जाति व्यवस्था की गहराई से आलोचना प्रस्तुत की गई है, जिसमें इसकी उत्पत्ति, प्रभाव, और इसके लागू होने के सामाजिक और नैतिक परिणामों को उजागर किया गया है। यहाँ डॉ. आंबेडकर के विषय पर अन्वेषण के आधार पर एक सारांश, मुख्य बिंदु, और… Continue reading जाति का शाप