परिशिष्ट I:राम और कृष्ण की पहेली सारांश:यह परिशिष्ट हिंदू धर्म के सबसे पूजनीय देवताओं, राम और कृष्ण के आसपास के जटिल नरेटिव्स का पता लगाता है, क्रमशः रामायण और महाभारत की महाकाव्य कथाओं के भीतर उनकी भूमिकाओं की जांच करता है। यह उनके कार्यों, नैतिक निर्णयों, और उनके जीवन से निकाले गए पाठों की जांच… Continue reading परिशिष्ट I:राम और कृष्ण की पहेली – हिंदू धर्म में पहेलियाँ – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर
Category: वन वीक सीरीज – हिंदू धर्म में पहेलियाँ – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर
पहेली संख्या 24:कलि युग की पहेली – हिंदू धर्म में पहेलियाँ – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर
पहेली संख्या 24:कलि युग की पहेली सारांश:कलि युग की अवधारणा, जो हिंदू कॉस्मोलॉजी में गहराई से निहित है, वर्तमान युग का प्रतिनिधित्व करती है जिसे संघर्ष, कलह, नैतिक पतन, और आध्यात्मिक दिवालियापन की विशेषता दी गई है। यह पहेली कलि युग की उत्पत्ति, निहितार्थों, और प्रतीत होता है कि अनिश्चित विस्तार में गहराई से उतरती… Continue reading पहेली संख्या 24:कलि युग की पहेली – हिंदू धर्म में पहेलियाँ – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर
पहेली संख्या 23:कलि युग—ब्राह्मणों ने इसे अनंत क्यों बनाया है? – हिंदू धर्म में पहेलियाँ – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर
पहेली संख्या 23:कलि युग—ब्राह्मणों ने इसे अनंत क्यों बनाया है? सारांश:यह पहेली हिंदू कॉस्मोलॉजी के अनुसार वर्तमान युग, कलि युग की अवधारणा का पता लगाती है, जिसे नैतिक पतन और सामाजिक अराजकता के द्वारा विशेषता दी गई है। यह ब्राह्मणिक परंपरा द्वारा कलि युग को अंधकार और अनैतिकता की एक अनंत अवधि के रूप में… Continue reading पहेली संख्या 23:कलि युग—ब्राह्मणों ने इसे अनंत क्यों बनाया है? – हिंदू धर्म में पहेलियाँ – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर
पहेली संख्या 22:ब्रह्म धर्म नहीं है। ब्रह्म का क्या लाभ है? – हिंदू धर्म में पहेलियाँ – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर
पहेली संख्या 22:ब्रह्म धर्म नहीं है। ब्रह्म का क्या लाभ है? सारांश:यह पहेली हिंदू धर्म के दार्शनिक आधारों का सामना करती है, विशेष रूप से ब्रह्म (अंतिम वास्तविकता) की अवधारणा और इसके धर्म (नैतिक कानून और कर्तव्यों) के साथ संबंध को। यह एक न्यायिक और नैतिक समाज को बढ़ावा देने में ब्रह्म की अवधारणा के… Continue reading पहेली संख्या 22:ब्रह्म धर्म नहीं है। ब्रह्म का क्या लाभ है? – हिंदू धर्म में पहेलियाँ – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर
पहेली संख्या 21:मन्वंतर का सिद्धांत – हिंदू धर्म में पहेलियाँ – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर
पहेली संख्या 21:मन्वंतर का सिद्धांत सारांश:यह पहेली हिंदू पौराणिक कथाओं में मन्वंतर की अवधारणा का पता लगाती है, हिंदू कॉस्मोलॉजी के अनुसार समय और शासन की चक्रीय प्रकृति में इसके महत्व को उजागर करती है। मुख्य बिंदु: मन्वंतर की अवधारणा:मन्वंतर हिंदू कॉस्मोलॉजी में एक अवधि है जो मानव जाति के प्रजनक, एक मनु के शासन… Continue reading पहेली संख्या 21:मन्वंतर का सिद्धांत – हिंदू धर्म में पहेलियाँ – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर
परिशिष्ट II:अनिवार्य विवाह – हिंदू धर्म में पहेलियाँ – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर
परिशिष्ट II:अनिवार्य विवाह सारांश:यह खंड मनु द्वारा अनिवार्य विवाह के आरोपण की महत्वपूर्ण जांच करता है, जो किसी व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण चरण के रूप में चिह्नित है, जो पिछली परंपराओं से एक महत्वपूर्ण प्रस्थान है। यह मनु द्वारा निर्धारित किए गए अनुसार, त्याग या तपस्या के मार्ग का पीछा करने से पहले… Continue reading परिशिष्ट II:अनिवार्य विवाह – हिंदू धर्म में पहेलियाँ – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर
परिशिष्ट I:वर्णाश्रम धर्म की पहेली – हिंदू धर्म में पहेलियाँ – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर
परिशिष्ट I:वर्णाश्रम धर्म की पहेली सारांश:यह परिशिष्ट हिंदू समाज के मूल सिद्धांतों, वर्णाश्रम धर्म पर गहराई से विचार करता है, जिसमें वर्ण (जाति) और आश्रम (जीवन का चरण) प्रणाली शामिल हैं। यह इन प्रणालियों की उत्पत्ति, समाज पर इनके प्रभाव, और प्राचीन लेखकों के इन धारणाओं पर विचारों की महत्वपूर्ण जांच है। मुख्य बिंदु: वर्ण… Continue reading परिशिष्ट I:वर्णाश्रम धर्म की पहेली – हिंदू धर्म में पहेलियाँ – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर
पहेली संख्या 20:कलि वर्ज्य या पाप के संचालन को बिना पाप कहे निलंबित करने की ब्राह्मणिक कला – हिंदू धर्म में पहेलियाँ – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर
पहेली संख्या 20:कलि वर्ज्य या पाप के संचालन को बिना पाप कहे निलंबित करने की ब्राह्मणिक कला सारांश:यह पहेली काली वर्ज्य के सिद्धांत में गहराई से उतरती है, जो ऐसी प्रथाओं को रेखांकित करता है जिन्हें काली युग (हिन्दू कॉस्मोलॉजी के अनुसार वर्तमान युग) में अनुचित या वर्जित माना जाता है, बिना इन प्रथाओं को… Continue reading पहेली संख्या 20:कलि वर्ज्य या पाप के संचालन को बिना पाप कहे निलंबित करने की ब्राह्मणिक कला – हिंदू धर्म में पहेलियाँ – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर
पहेली संख्या 19:पितृत्व से मातृत्व की ओर परिवर्तन। ब्राह्मणों ने इससे क्या हासिल करना चाहा? – हिंदू धर्म में पहेलियाँ – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर
पहेली संख्या 19:पितृत्व से मातृत्व की ओर परिवर्तन। ब्राह्मणों ने इससे क्या हासिल करना चाहा? सारांश:यह पहेली हिन्दू कानून में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन की खोज करती है, जिसमें एक बच्चे के वर्ण (जाति) का निर्धारण पिता के वर्ण (पितृसत्तात्मक वंशानुक्रम) के आधार पर करने से लेकर माता के वर्ण (मातृसत्तात्मक वंशानुक्रम) को महत्व देने तक… Continue reading पहेली संख्या 19:पितृत्व से मातृत्व की ओर परिवर्तन। ब्राह्मणों ने इससे क्या हासिल करना चाहा? – हिंदू धर्म में पहेलियाँ – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर
पहेली संख्या 18:मनु का पागलपन या मिश्रित जातियों की उत्पत्ति की ब्राह्मणवादी व्याख्या – हिंदू धर्म में पहेलियाँ – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर
पहेली संख्या 18:मनु का पागलपन या मिश्रित जातियों की उत्पत्ति की ब्राह्मणवादी व्याख्या सारांश:यह पहेली मनु स्मृति में मनु द्वारा रेखांकित मिश्रित जातियों (संकर जातियों) के वर्गीकरण और मूल की खोज करती है। यह चार प्रमुख वर्णों (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, और शूद्र) के विभिन्न संयोजनों के माध्यम से इन जातियों की सृष्टि के पीछे ब्राह्मणिक… Continue reading पहेली संख्या 18:मनु का पागलपन या मिश्रित जातियों की उत्पत्ति की ब्राह्मणवादी व्याख्या – हिंदू धर्म में पहेलियाँ – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर