अध्याय 10: विराट पर्व और उद्योग पर्व का विश्लेषण – प्राचीन भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर

अध्याय 10: विराट पर्व और उद्योग पर्व का विश्लेषण सारांश:विराट पर्व और उद्योग पर्व के खंड महाभारत के महान युद्ध की ओर अग्रसर होने वाली जटिल कथाओं और रणनीतिक विकासों में गहराई से उतरते हैं। विराट पर्व पांडवों के निर्वासन के अंतिम वर्ष पर केंद्रित है, जिसे वे विराट के राज्य में गुप्त रूप से… Continue reading अध्याय 10: विराट पर्व और उद्योग पर्व का विश्लेषण – प्राचीन भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर

अध्याय 9:क्रांतिविरोधी दर्शन का तात्त्विक बचाव: कृष्ण और उनका गीता – प्राचीन भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर

अध्याय 9:क्रांतिविरोधी दर्शन का तात्त्विक बचाव: कृष्ण और उनका गीता सारांश:अध्याय 9 भगवद् गीता की भूमिका का महत्वपूर्ण विश्लेषण करता है जो बौद्ध क्रांतिकारी विचारों की पृष्ठभूमि के खिलाफ क्रांतिविरोधी सिद्धांतों का समर्थन और बचाव करती है। डॉ. बी.आर. अंबेडकर चर्चा करते हैं कि कैसे गीता, अपने दार्शनिक संवादों और शिक्षाओं के माध्यम से, समानता,… Continue reading अध्याय 9:क्रांतिविरोधी दर्शन का तात्त्विक बचाव: कृष्ण और उनका गीता – प्राचीन भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर

अध्याय 8:घर के नैतिक मूल्य—मनुस्मृति या प्रतिक्रांति का सुसमाचार – प्राचीन भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर

अध्याय 8:घर के नैतिक मूल्य—मनुस्मृति या प्रतिक्रांति का सुसमाचार सारांश:अध्याय 8 मनुस्मृति (मनु स्मृति) की परीक्षा करता है, जिसे ऐतिहासिक रूप से हिन्दू धर्म और सामाजिक व्यवस्था के लिए एक मूलभूत पाठ के रूप में माना जाता है, जो बौद्ध धर्म के विरुद्ध ब्राह्मणवाद द्वारा नेतृत्व की गई प्रतिक्रांति के सार को दर्शाता है। डॉ.… Continue reading अध्याय 8:घर के नैतिक मूल्य—मनुस्मृति या प्रतिक्रांति का सुसमाचार – प्राचीन भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर

अध्याय 7:ब्राह्मणवाद की विजय: राजहत्या या क्रांतिविरोध का जन्म – प्राचीन भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर

अध्याय 7:ब्राह्मणवाद की विजय: राजहत्या या क्रांतिविरोध का जन्म सारांश:यह अध्याय ब्राह्मणवाद के पुनरुत्थान और बौद्ध धर्म के ऊपर इसकी रणनीतिक विजय की चर्चा करता है, जो प्राचीन भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण क्रांतिविरोध को चिन्हित करता है। इस पुनरुत्थान की विशेषता ब्राह्मणवादी प्रभुत्व की स्थापना से है जो रणनीतिक सामाजिक, धार्मिक, और राजनीतिक चालों… Continue reading अध्याय 7:ब्राह्मणवाद की विजय: राजहत्या या क्रांतिविरोध का जन्म – प्राचीन भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर

अध्याय 6:ब्राह्मणवाद का साहित्य – प्राचीन भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर

अध्याय 6:ब्राह्मणवाद का साहित्य सारांश:यह अध्याय ब्राह्मणवाद के विस्तृत साहित्य पर गहराई से विचार करता है, जो पुष्यमित्र के राजनीतिक विजय के बाद सामने आया। इसमें साहित्य को छह मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है: मनु स्मृति, गीता, शंकराचार्य का वेदांत, महाभारत, रामायण, और पुराण। विश्लेषण का उद्देश्य बौद्ध धर्म के पतन के कारणों… Continue reading अध्याय 6:ब्राह्मणवाद का साहित्य – प्राचीन भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर

अध्याय 5: बौद्ध धर्म का पतन और अंत – प्राचीन भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर

अध्याय 5: बौद्ध धर्म का पतन और अंत सारांश:यह अध्याय भारत में बौद्ध धर्म के पतन और गायब होने के पीछे के विविध कारणों की खोज करता है, एक घटना जिसने इतिहासकारों और विद्वानों को चकित किया है। डॉ. बी.आर. अम्बेडकर इस पतन को कई महत्वपूर्ण कारकों के कारण मानते हैं, जिनमें मुस्लिम विजेताओं द्वारा… Continue reading अध्याय 5: बौद्ध धर्म का पतन और अंत – प्राचीन भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर

अध्याय 4:सुधारक और उनका भाग्य – प्राचीन भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर

अध्याय 4:सुधारक और उनका भाग्य सारांश:यह अध्याय प्राचीन भारत में सामाजिक सुधारकों के प्रयासों पर गहराई से चर्चा करता है, विशेष रूप से गौतम बुद्ध पर विशेष ध्यान देते हुए, जो एक सुधारक के रूप में उनके गहरे प्रभाव को उजागर करता है। यह समाज में सुधार की आवश्यकता को उजागर करता है, जोर देते… Continue reading अध्याय 4:सुधारक और उनका भाग्य – प्राचीन भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर

अध्याय 3:एक डूबता पुरोहितत्व – प्राचीन भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर

अध्याय 3:एक डूबता पुरोहितत्व सारांश:अध्याय 3 ब्राह्मण पुरोहितत्व की सत्ता के ह्रास और इस घटना के योगदान देने वाले कारकों की गहराई में जाता है। इसमें ब्राह्मणवाद के भीतरी संघर्षों और उभरते धार्मिक आंदोलनों द्वारा पेश की गई चुनौतियों का पता लगाया गया है। मुख्य बिंदु: पुरोहित सत्ता का ह्रास:अध्याय इस चर्चा से खुलता है… Continue reading अध्याय 3:एक डूबता पुरोहितत्व – प्राचीन भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर

अध्याय 2:प्राचीन शासन—आर्य समाज की स्थिति – प्राचीन भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर

अध्याय 2:प्राचीन शासन—आर्य समाज की स्थिति सारांश:यह अध्याय आर्य समाज की संरचना का गहन विश्लेषण प्रदान करता है, जिसमें इसके पदानुक्रमिक संगठन, धार्मिक प्रथाओं, और वैदिक पाठों की भूमिका को समाजिक मानदंडों को आकार देने में केंद्रित किया गया है। यह कठोर सामाजिक पदानुक्रम और जाति व्यवस्था के परिणामों की जांच करता है, सामाजिक गतिशीलता… Continue reading अध्याय 2:प्राचीन शासन—आर्य समाज की स्थिति – प्राचीन भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर

अध्याय 1:प्राचीन भारत में उत्खनन पर – प्राचीन भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर

अध्याय 1:प्राचीन भारत में उत्खनन पर सारांश:यह अध्याय प्राचीन भारतीय समाज के मूलभूत पहलुओं में गहराई से जाने का प्रयास करता है, जिसमें इसके धार्मिक और सामाजिक-राजनीतिक ढांचों पर केंद्रित है। यह एक ब्राह्मणवादी अधिकारवादी समाज से एक बौद्ध सिद्धांतों से प्रभावित समाज में परिवर्तन का पता लगाता है, बौद्ध धर्म द्वारा लाये गए क्रांति… Continue reading अध्याय 1:प्राचीन भारत में उत्खनन पर – प्राचीन भारत में क्रांति और प्रतिक्रांति – वन वीक सीरीज – बाबासाहेब डॉ.बी.आर.बाबासाहेब आंबेडकर