वीज़ा की प्रतीक्षा में

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वीज़ा की प्रतीक्षा में

डॉ. बी.आर. अम्बेडकर द्वारा आत्मकथात्मक नोट्स

अनुक्रमणिका

प्रस्तावना

अध्याय 1. बाल्यावस्था जीवन परिवर्तन यात्रा गोरेगांव तक

अध्याय 2. पारसी धर्मशाला बड़ौदा से जीवन भर के आंसू

अध्याय 3. निरक्षर हिन्दू शिक्षित अस्पृश्य से श्रेष्ठ है

अध्याय 4. इस्लाम अस्पृश्यता नहीं सिखाता लेकिन मुसलमान करते हैं

अध्याय 5. अस्पृश्यता के कारण माँ और उसके शिशु की मृत्यु हो गई

अध्याय 6. भंगी कैसे गांव का पटवारी बनने की हिम्मत करे