कांग्रेस और गांधी ने अछूतों के साथ क्या किया – प्रस्तावना

What Congress and Gandhi have done to the Untouchables

कांग्रेस और गांधी ने अछूतों के साथ क्या किया

“आपका फायदा हमारे मालिक बनने में हो सकता है, लेकिन आपके गुलाम बनने में हमारा क्या फायदा है?”

-थ्यूसिडाइड्स।

प्रस्तावना

यह वन वीक सीरीजभारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार बाबासाहेब डॉ. बी.आर. अम्बेडकर द्वारा लिखित पुस्तक – ” कांग्रेस और गांधी ने अछूतों के साथ क्या किया” के महत्वपूर्ण बिंदुओं को संक्षिप्त नोट्स रूप में प्रदान करती है |

“इस पुस्तक का उद्देश्य उन गंभीर समस्याओं की पड़ताल करना है जिनका सामना भारत के अछूत समुदाय को कांग्रेस और गांधी के नेतृत्व में करना पड़ा है। डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने अपनी इस कृति में, अछूतों के प्रति अपनाए गए विभेदकारी रवैये की गहराई से विवेचना की है और उनके सामाजिक उत्थान के लिए आवश्यक सुधारों पर चर्चा की है। यह पुस्तक उनके लिए एक आवाज बनकर उभरी है, जिन्हें सदियों से भारतीय समाज में उपेक्षित और तिरस्कृत किया गया है।

डॉ. अम्बेडकर ने न केवल उन चुनौतियों को उजागर किया है जिनका सामना अछूतों को करना पड़ा, बल्कि इस बात पर भी प्रकाश डाला है कि कैसे कांग्रेस और गांधी की नीतियों ने इन समस्याओं को और भी गहरा दिया। इस पुस्तक में डॉ.अम्बेडकर ने स्पष्ट रूप से दिखाया है कि कैसे राजनीतिक और सामाजिक सुधारों के अभाव में अछूतों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो सकता।

‘कांग्रेस और गांधी ने अछूतों के साथ क्या किया’ न केवल एक आलोचनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत करती है, बल्कि यह एक मार्गदर्शिका भी है जो अछूतों के लिए न्याय और समानता की दिशा में आगे बढ़ने का रास्ता सुझाती है। डॉ. अम्बेडकर की यह कृति उनके गहन अध्ययन, विश्लेषण और अछूतों के प्रति उनकी गहरी संवेदनशीलता का प्रतीक है।

इस पुस्तक के माध्यम से, डॉ. अम्बेडकर ने भारतीय समाज में अछूतों के प्रति व्याप्त अन्याय और असमानता के खिलाफ एक शक्तिशाली आवाज उठाई है। वे हमें यह समझने के लिए प्रेरित करते हैं कि सच्ची समाजिक प्रगति केवल तभी संभव है जब हम सभी समुदायों के लिए न्याय और समानता सुनिश्चित करें।”

-संदीप काला बौद्ध